Monday 7 July 2014

डर

याद तो करते हैं हम रोज उनको  
खो देने के डर से 
निकलते है रोज मिलने उनको 
हम अपने ही घर से 
भर न जाएं कहीं उनकी आखें 
हमे देख कर 
आगे बड़ नहीं पाते हम 
बस इसी डर से 

HSD 11/06/2014

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